हिंदी विभाग, मैत्रेयी महाविद्यालय
हिंदी विभाग अपने शैक्षणिक, साहित्यिक स्तर को बनाये रखते हुए भारतीय सांस्कृतिक परम्परा को भी आगे बढ़ा रहा है। हिन्दी विभाग- हिन्दी विशेष, बी॰ ए॰ प्रोग्राम और बी. कॉम. प्रोग्राम पाठ्यक्रम प्रस्तावित करता है और अन्य विषयों के ऑनर्स में जैनरिक (GE), हिन्दी कौशल संवर्द्धक (SEC), मूल्य संवर्द्धन पाठ्यक्रम(VAC) और एम.आई.एल. (MIL) और योग्यता प्रदायी कौशल संवर्द्धन (AECC)। जिन्होंने बिल्कुल हिंदी नहीं पढ़ी उनको भी अनिवार्य हिंदी परीक्षा (CTH) के अंतर्गत हिंदी पढ़ाई जाती है।
समय-समय पर हिंदी साहित्य और भाषा से जुड़े रोज़गार उन्मुख अनेक सेमिनार, व्याख्यान करवाए जाते हैं। जिसमें अलग अलग कार्यक्षेत्रों से जुड़े प्रसिद्ध वक्ताओं को आमंत्रित करके उनके द्वारा दिए गए व्याख्यान से साहित्यिक समझ के साथ- साथ भविष्य के लिए रोज़गार का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं, ताकि छात्राएं भविष्य में बेहतर रोज़गार के अवसरों का लाभ उठा सकें। हिन्दी भाषा और साहित्य का गहन अध्ययन, छात्राओं को भारतीय समाज की जड़ों को जानने और पहचानें की समझ को विकसित करता है साथ ही पाश्चात्य विद्वानों को भी पढ़ते हुए जिससे विश्व के साहित्य से भी परिचित होते हैं ।
हिंदी विभाग शिक्षण के साथ-साथ अनेक गतिविधियों और कार्यक्रमों को भी आयोजित करता है। जिसमें भाग लेकर छात्राएं अपने व्यक्तित्व का विकास करते हुए आत्मविश्वास से भरपूर हर कार्य को करने में सक्षम बनती हैं ।
छात्राएं ना केवल मैत्रेयी महाविद्यालय का नाम रोशन कर रही हैं बल्कि नई ऊचाँइयों को प्राप्त करके हिंदी विभाग का नाम भी सुनहरे अक्षरों में लिख रही हैं। अपनी शिक्षिकाओं से प्राप्त मार्गदर्शन, हिम्मत और विश्वास से भरपूर निरन्तर आगे बढ़ रही हैं।
हिंदी विशेष की अनेक छात्राएं अलग - अलग स्थानों पर अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में कार्य कर रही हैं।
आज हिंदी पढ़ने के बाद अनेक रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं जिससे आत्मनिर्भरता बढ़ रही है जैसे - जनसंचार और पत्रकारिता, अनुवाद, रचनात्मक लेखन का क्षेत्र जिसमें विज्ञापन लेखन, रंगमंच से जुड़े अभिनय का क्षेत्र, नाटक की स्क्रिप्ट लेखन, हिन्दी कम्प्यूटिंग, हिन्दी अधिकारी, जनसम्पर्क अधिकारी, टीचर ट्रैनिंग, भाषा-शिक्षण, मीडिया- टी-वी और रेडियो, प्रिंट )। हिन्दी का स्नातक का विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा की परीक्षा भी दे सकता है। शोध-कार्य में रूचि रखने वाले विद्यार्थी शोध क्षेत्र में कार्य कर रहें हैं ।
हिंदी साहित्य संगम, हिंदी विभाग की साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्था है, जिसके अंतर्गत समय समय पर अनेक कार्यक्रम होते रहते हैं-
हिंदी विभाग विद्यार्थियों के चहुमुँखी विकास हेतु पाठ्यक्रम की परिधि से बाहर अनुभवात्मक अधिगम का भी अवसर प्रदान करता है । महाविधालय के अनुसंधान केंद्र के अंतर्गत विद्यार्थी शोध कार्य करते हैं जिससे उनमें तार्किक एवं विश्लेषणात्मक कौशल का विकास होता है। शोध कार्य से उनमें विषय को विस्तार देने की क्षमता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है इसके साथ ही विभाग द्वारा शार्ट- टर्म कोर्स भी करवाए जाते हैं जिसमें उन्हें विषय के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है। हिंदी विभाग विद्यार्थियों से प्रतिवर्ष 'मैत्रेयी भित्ति पत्रिका' भी तैयार करवाता है इसमें विद्यार्थियों की स्वरचित रचनाओं को पत्रिका में स्थान दिया जाता है जिससे उनमें साहित्य के प्रति रुचि व रचनात्मक कौशल का विकास होता है। विभाग द्वारा साहित्यिक नाट्य मंचन का शैक्षणिक अनुभव कराने हेतु राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का भ्रमण कराया जाता है ।साहित्यिक फिल्म दिखाना और उनकी समीक्षा करने जैसी गतिविधियाँ उनके बौद्धिक विकास , आलोचनात्मक दृष्टि एवं चर्चा- परिचर्चा के कौशल को बढ़ाती है। इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रम/गतिविधियाँ, संगोष्ठियों, व्याख्यानों, वार्ताओं, सांस्कृतिक- पर्व उत्सवों (तीज उत्सव , वार्षिक-उत्सव , दीवाली मेला , तुलसी जयन्ती , मातृभाषा में लोकगीत और नृत्य जैसी सांस्कृतिक सामूहिक गतिविधियाँ सबको समाज से जोड़ने का काम करती है । इसके अतिरिक्त हमारे महाविधालय में उच्च शिक्षा परीक्षाओं/प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए साहित्यिक प्रश्नोत्तरी, नाट्य मंचन, वाद-विवाद, स्लोगन लेखन, निबंध- लेखन, कहानी बुनो, फिल्म समीक्षा, स्वरचित कविता- पाठ , रोजगारपरक कौशल संवर्धन से जुड़े वार्षिक व्याख्यानों जैसी अनेक गतिविधियों का आयोजन समय- समय पर किया जाता हैं ।